नवांश कुंडली ग्रहों की शक्ति एवं उनके प्रभाव को देखने हेतु महत्वपूर्ण होती है.  नवांश कुंडली में मंगल की उपस्थिति जिस स्थान एवं ग्रहों के साथ होगी उसकी क्षमता एवं प्रभाव उसी के अनुरुप प्राप्त होते हैं. नवांश कुंडली के प्रयेक भाव में बैठा मंगल अलग-अलग तरह से अपना 

प्रथम भाव नवांश में मंगल

नवांश कुंडली के पहले घर में बैठा मंगल व्यक्ति को कुछ अतिरिक्त प्रभाव देने वाला होता है. मंगल का असर व्यक्ति को कुछ अधिक सक्रिय बना सकता है. व्यक्ति प्रतिस्पर्धा में शामिल होता है, काम करने के लिए वह उत्साह दिखाने वाला होता है. आरंभिक रुप से उसकी उर्जा न दिखाई दे पाए लेकिन जल्द ही उसकी प्रतिभा सभी के समक्ष होती है. यहां उसे कुछ बल प्राप्त होता है.  लक्ष्य निर्धारण करने में वह कुशल हो सकता है. 

द्वितीय भाव नवांश में मंगल 

नवांश कुंडली के दूसरे भाव में बैठा मंगल जीतने के लिए साहस देता है. व्यक्ति को ऊर्जा से भरपूर रखने के लिए प्रयासशील बनाता है. व्यक्ति को शारीरिक गतिविधियां पसंद होती हैं. वह अपने परिवार के लिए भी कर्मठ होगा. उसके द्वारा किए गए काम गतिविधियां आर्थिक लाभ प्राप्ति के क्षेत्र में सहायक हो सकती हैं. अपने बोलने एवं संप्रेषण में वह थोड़ा अधिक उत्साहित एवं कठोर भी हो सकता है. प्रयासों के द्वारा उसे लाभ प्राप्ति होगी. खानेपीने में लापरवाही के कारण कुछ रोग भी उस पर असर डाल सकते हैं. 

तृतीय भाव नवांश में मंगल 

मंगल का तीसरे नवमांश में होने के कारण कुछ स्पर्धाओं में वह अपने प्रयासों के द्वारा आगे बढ़ने में सफल हो सकता है. खेल कूद से जुड़े लोगों के लिए यह स्थिति बेहतर असर देने वाली हो सकती है.  व्यक्ति में आक्रामकता, प्रतिस्पर्धा, क्रोध, जीत की भावना जैसे गुण भी होंगे जो उसे आगे ले जाने के लिए सहयोगी बनेंगे. अपनों के साथ उसका रवैया कई बार कुछ असंतोषजन भी होगा. कई बार अधिक उत्साह के चलते व्यक्ति व्यर्थ की समस्याओं में भी फंस सकता है. अधीर हो सकता है और जल्द से चीजों को पाने की इच्छा रख सकता है, 

चतुर्थ भाव नवांश में मंगल 

नवांश कुंडली के इस स्थान पर होने के कारण व्यक्ति महत्वकांक्षी हो सकता है. अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शॉर्टकट रास्ते अपना सकता है. मंगल का यहां होना उसे मकान या भूमि के द्वारा कुछ लाभ प्रदान करने में भी सहयोग दिखा सकता है. परिवार एवं लोगों के साथ बेहतर तारत्म्य बनाने में उसे कुछ परेशानी हो सकती है. कई बार लम्बी यात्राओं से लाभ और अचानक से किसी भौतिक संपत्ति की प्राप्ति भी हो सकती है.

पंचम भाव नवांश मंगल 

नवांश कुंडली के पंचम भाव में मंगल का होना व्यक्ति को प्रयासशील बना देता है. अपने खर्चों को लेकर व्यक्ति कई बार जल्दबाजी में होकर हानि का सामना भी कर सकता है. व्यक्ति कई बार लाटरी या सट्टे को लेकर भी कई बार जल्दबाजी के फैसले ले लेता है. स्वतंत्र रूप से काम करने वाला होता है. दूसरों के लिए फैसले लेने ओर मार्गदर्शन की इच्छा भी व्यक्ति में अधिक देखने को मिल सकती है. कुछ रचनात्मक कामों में भी वह फैसला ले सकता है ओर इसमें मान सम्मान भी प्राप्त हो सकते हैं. 

छठे भाव नवांश में मंगल 

नवांश कुंडली के छठे भाव में मंगल का होना व्यक्ति को उत्साहित और अधिक तीव्र बना सकता है. साहस के साथ काम करने का गुण व्यक्ति के भीतर होता है. फैसले लेने में भी निड़रता देखने को मिलती है. वह अपने लक्ष्यों को पाने में अपनी एकाग्रता एवं लक्ष्य साधना का बेहतर परिणाम देख पाता है. विरोधियों का हस्तक्षेप अधिक रहता है लेकिन उन्हें चुप कराने में भी कुशलता मिलती है. दुर्घटना या अचानक होने वाली घटनाएं स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं. 

सप्तम भाव नवांश में मंगल 

नवांश के सातवें भाव में जब मंगल होता है तो इसका असर व्यक्ति को जीवन में सामाजिक क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने में मदद्गार हो सकता है. व्यक्ति सलाहकारों से सलाह लेने से बचता है. वह अपने निर्णयों को स्वयं द्वारा लेना पसंद कर सकता है. कुछ मामलों में अपनों के लिए स्वार्थी भी हो सकता है. विपरितलिंग के मध्य आकर्षण पाता है. व्यक्ति दूसरों पर अधिकार जताने में भी काफी इच्छुक हो सकता है. मांगल्य कार्यों में मिलेजुले परिणाम पाता है. 

अष्टम भाव नवांश में मंगल 

नवांश के आठवें भाव में मंगल की स्थिति कमजोर होती है. इसका प्रभाव व्यक्ति को अनुकूल परिणामों में कमी को दर्शाने वाला होता है. मंगल की स्थिति के द्वारा व्यक्ति अपने शत्रुओं एवं व्याधियों से परेशान हो सकता है. जीवन में अचानक होने वाले घटनाक्रम उसे मानसिक रुप से परेशानी दे सकते हैं. व्यक्ति को लाभ प्राप्ति भी आकस्मिक रुप से हो सकती है. मंगल का प्रभव व्यक्ति को गुढ़ चीजों को आसानी से कर लेने में सहायक बनता है. व्यक्ति दबंग, कठोर एवं साहसिक होता है,रक्त संबंधी विकार परेशानी दे सकते हैं. 

नवम भाव नवांश में मंगल 

मंगल के नवांश के नवम भाव में होने पर व्यक्ति को अपने कार्यों में सफलता पाने का अवसर मिलता है. वह जीवन के प्रति कुछ सकारात्मक होता है. उसके पास कई चीजों को करने का मौका भी होता है. जीवन में परिश्रम द्वारा सफलताओं को पाने के लिए प्रेरित होता है. व्यक्ति अपने वरिष्ठों का कठोर अनुशासन पाता है. भाई बंधुओं के प्रति अधिक लगाव होता है, किंतु परिस्थितियां अधिक सहायक नहीं बन पाती है. संघर्ष द्वारा लाभ प्राप्ति योग होता है. मान सम्मान प्राप्ति मिलती है. 

दशम भाव नवांश में मंगल 

मंगल के दशम नवांश में होने के कारण व्यक्ति में अपनी स्थिति को बेहतर बनाने की इच्छा शक्ति मजबूत होती है. नवीन चीजों के प्रति खुद को ढ़ाल लेने का गुण भी होता है. व्यक्ति अधिकारियों के सामने अपनी प्रतिभा को अच्छे से स्थापित करने वाला होता है. भौतिक सुख संपत्ति को एकत्रित कर पाने में सक्षम होता है. व्यक्ति अपने काम के द्वारा प्रसिद्धि भी पाता है. उच्च पदों को पाने में सफल होता है. 

एकादश भाव नवांश में मंगल 

मंगल के एकादश भाव में होने की स्थिति कुछ लाभकारी पहलू दिखाने में सहायक बनती है. व्यक्ति दोस्तों के समक्ष अपने को स्थापित करता है. भीड़ का नेतृत्व करने वाला होता है. एक से अधिक कार्यों को करने में कुशल होता है. घूमने फिरने के मौके मिलते हैं. प्रेम और रोमांस को लेकर वह आगे रहने वाला होता है. अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास उसके द्वारा किए जाते हैं. 

द्वादश भाव नवांश में मंगल 

बारहवें भाव में मंगल की स्थिति कमजोर रहती है. मंगल के प्रभाव से व्यक्ति अपने आस पास की चीजों को लेकर अधिक गंभीर भी दिखाई दे सकता है. रिश्तों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है. प्रेम संबंधों में अलगाव एवं असंतुष्टि का असर भी देखने को मिल सकता है.