मंगल उत्साह और साहस का ग्रह है. यह जिस राशि में होता है उस राशि के साथ जुड़कर अपना फल देता है. मंगल की स्थिति जीवन में व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. व्यक्ति अपने जीवन के संकल्पों एवं निर्णयों के लिए जिम्मेदार होता है. आइये जानते हैं मंगल कैसे देता है विभिन्न राशियों में बैठ कर अपना प्रभाव 

मंगल मेष राशि में

मंगल मेष राशि में अपने प्रमुख स्थान पर है, क्योंकि मेष वास्तव में मंगल की राशि है जो मंगल को मजबूती देने वाली है. मेष राशि में मंगल वाले लोग अत्यधिक सक्रिय, प्रतिस्पर्धी और शारीरिक गतिविधि में अधिक संलग्न रहते देखे जा सकते हैं. मंगल मेष में होने पर खेलकूद से जोड़ता है व्यक्ति को शारीरिक गतिविधियों से जोड़ने का काम करता है, लेकिन यह प्रवृत्ति कई बार भी उन्हें दुर्घटना इत्यादि से भी परेशान करने वाली होती है. मेष राशि में मंगल निश्चित रूप से एक शुद्ध, उच्च शक्ति वाली ऊर्जा का समय होता है. व्यक्ति बोल्ड, साहसी और स्वतंत्र अतिवादी भी हो सकता है. कभी-कभी  अत्यधिक आक्रामक भी बना सकता है. 

मंगल वृष राशि में

वृष राशि में मंगल का का होना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. मंगल का असर यहां व्यक्ति को जिद्दी बनाता है., कुछ क्रोधी भी लेकिन अपने जीवन को भौतिक रुप से संपन्न बनाने के लिए प्रेरित करने वाला होता है.  व्यक्ति में दृढ़ संकल्प मजबूत होता है.  वृष में बैठा मंगल व्यक्ति को कई बार अविश्वसनीय रूप से धैर्यवान बना सकता है. किसी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कैसे दृढ़ रहना है इन्हें अच्छे से आता है.  व्यक्ति हार नहीं मानता है और उनके पास एक बेहतर स्थिर दृष्टिकोण भी होता है. व्यक्ति बहुत विचारशील और व्यवस्थित  होता है तथा जीवन की गुणवत्ता के लिए प्रयास करता है. 

मंगल मिथुन राशि में 

मंगल का मिथुन राशि में होना व्यक्ति को उत्सही एवं चंचलता देने वाला हो सकता है. यह एक ऐसा प्लेसमेंट है जो मंगल के जोश को सक्रिय कर देने वाला होता है. मिथुन राशि बदलाव के पक्ष की राशि है. उच्च मानसिक कार्यों से युक्त होती है ऎसे में मंगल का यहां होना उनके पास एक तेज़ बुद्धि है और अपने तर्कों से आगे बढ़ने वाला है.  चीजों एवं जानकारी को जल्दी से समझने वाले होते हैं और उच्च ऊर्जा को दर्शाते हैं इनमें एक कमी हो सकती है जल्द से ऊब जाना और बेचैनी का सामना करना. कई बार ये लोग बिखरे हुए भी लग सकते हैं, मल्टीटास्किंग में अविश्वसनीय हो सकते हैं, और उनकी बहुत सारी रुचियां होती हैं, इसलिए ये लोग भी बहुमुखी हैं और वे हमेशा एक कदम आगे रहने वाले हो सकते हैं. 

कर्क राशि में मंगल 

कर्क राशि में मंगल का होना कुछ कमजोर और अधिक अस्थिर रह सकते हैं. यहां मंगल थोड़ा असहज दिखाई दे सकता है. मंगल ग्रह यहां अपनी नीच स्थिति में होता है. मंगल भावनाओं का उपयोग करना पसंद नहीं करता है लेकिन यहां कर्म में वह भावनाओं से लड़ता दिखाई देता है. यह भावनाओं के बिना कार्रवाई का उपयोग करना पसंद करता है और जब यह कर्क राशि में होता है, तो यह इसे भावनाओं का उपयोग करने के लिए मजबूर करता है. कर्क में मंगल का प्रभाव लोगों के प्राकृतिक नेतृत्व को दर्शाता है. व्यक्ति परिवार और रिश्ते-उन्मुख होने के साथ, सुखों को पाने के लिए ललायित रहने वाला होता है. 

सिंह राशि में मंगल

सिंह राशि में मंगल की स्थिति ऊर्जा और जुनून के साथ काम करने वाली होती है. सिंह के मंगल में होने पर व्यक्ति आत्मविश्वास में मजबूत होता है. उसके आस पास की ऊर्जा उसे मजबूत बनाती है. आत्मविश्वास, पहल, प्रेरणा और दृढ़ संकल्प देने वाली होती है.  शीर्ष पर रहने की स्थिति मजबूत होती है. सिंह में मंगल जबर्दस्त इच्छाशक्ति और उत्साह, और नेतृत्व करने की स्वाभाविक क्षमता के साथ दिखाई देता है. उन्हें दूसरों को बहुत अधिक दबाव देने के लिए भी जाना जा सकता है लेकिन अच्छी स्थिति होने पर, मंगल बहुत प्रेरक, उदार और वफादार व्यक्तित्व प्रदान करता है. 

मंगल कन्या राशि में

जब मंगल ग्रह कन्या राशि में होता है तो यह विचारशीलता को दर्शाता है और साथ ही जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आगे रखता है. ये असर व्यक्ति को व्यस्त बनाता है. हर चीज पर कड़ी मेहनत करने वाले होते हैं.  कन्या राशि एक बहुत ही मानसिक और बौद्धिक राशि है ऎसे में मंगल यहां बैठ कर व्यक्ति को तर्क से परिपूर्ण बना सकता है. मंगल की स्थिति यहां बिखरी हुई, उन्मत्त ऊर्जा को दर्शाने वाली होती है. कन्या में मंगल का होना चिंताजनक भी होता है. क्योंकि यहां मंगल का होना चीजों पर विवरणों पर बहुत ज्यादा ध्यान देने वाला बनाता है ऎसे में उनके कारण महत्वपूर्ण चीजें छूट जाती हैं. 

तुला राशि में मंगल

तुला राशि में मंगल की स्थिति कुछ मिलेजुले प्रभाव को दिखाने वाली होती है. जैसे मंगल कर्म में कमजोर होता है वैसे ही तुला राशि भी मंगल के अधिक अनुकूल नहीं होती है. मंगल यहां पर होकर थोड़ा असहज हो सकता है क्योंकि मंगल की स्थिति थोड़ा स्वार्थी तरीके से काम करना पसंद करती देखी जाती है. यहां व्यक्ति कुछ अधिक कल्पनाशील होकर काम करने की इच्छा रखता है. तुला राशि की उच्च विचारधारा मंगल को कई तरह से प्रेरित करने वाली होती है. तुला राशि में मंगल का होना व्यक्ति को सामाजिक बनाने का काम करता है. सामाजिकता से जुड़ कर, लोगों के साथ काम करना, सहयोग और सद्भावना जैसी बातें इसकी प्राथमिकताओं में शामिल हो सकती हैं.  तुला राशि में मंगल होने का परिणाम यह भी हो सकता है कि लोग बहुत अधिक मिलनसार हो सकते हैं और अपनी स्वयं की इच्छाओं और जरूरतों की उपेक्षा कर सकते हैं.

मंगल वृश्चिक राशि में 

वृश्चिक में मंगल का होना एक बेहतर परिणाम माना जाता है क्योंकि मंगल के लिए यह स्थान उसका घर होता है. वृश्चिक राशि मंगल के स्वामित्व की राशि भी है. मंगल ग्रह जब वृश्चिक में होता है तो बेहतर परिणाम देने वाला होता है. यहां व्यक्ति तर्क कुशल बनाने वाला संकेत भी होता है. प्रेम और रोमांस व्यक्ति में उत्साही होता है. वृश्चिक राशि में मंगल का होना परिश्रमी बनाता है और बाधाओं से लड़ने वाला भी बनाता है. उनके पास वास्तव में एक मजबूत इच्छा शक्ति होती है लेकिन इसका असर व्यक्ति को जिद्दी भी बनाता है. 

मंगल धनु राशि में  

मंगल का धनु राशि में होना व्यक्ति को एकाग्रता से पूर्ण और जोशिला बनाता है. व्यक्ति भीड़ में आकर्षण का केन्द्र भी बनता है. एक मजबूत दार्शनिक होता है ओर दूसरों के लिए मार्गदर्शक का काम भी करता है. व्यक्ति में कमर्ठता का गुण होता है. सभी को साथ लेकर चलने की प्रवृत्ति भी उसमें होती है.  व्यक्ति के पास एक बहुत ही आदर्शवादी रवैया भी होता है, कई बार ये लोग क्सर जोखिम लेने वाले होते हैं, लेकिन बहुत भाग्यशाली भी होते हैं. मंगल धनु में बैठ कर खुद को भाग्यशाली भी बनाता है. साहसिक भावना और शारीरिक सहनशक्ति अच्छी होती है. 

मकर राशि में मंगल

मकर राशि में मंगल की स्थिति काफी उच्च होती है. यहां मंगल काफी उन्नत स्थिति का होता है. मकर राशि में मंगल उच्च का होता है, मंगल यहां उच्च प्रतिष्ठित स्थिति में होता है और यहां पूरी शक्ति से आगे बढ़ने वाला होता है. मंगल की ऊर्जा के लिए ये स्वतंत्र स्थान भी होता है. मंगल का असर व्यक्ति को प्रेरित, महत्वाकांक्षी और प्रत्यक्ष भी बनाता है. उनके पास अच्छी करियर स्थिति और वित्तीय सुरक्षा होती है. सफलता की ओर काम करने में सपक्षम होते हैं. मकर राशि में मंगल भी जोखिम लेने वाला नहीं है, सतर्क और रूढ़िवादी रहना पसंद करता है.ऎसे में गणनात्मक होकर वे कड़ी मेहनत करते हुए आगे बढ़ते हैं. जिम्मेदार, अनुशासित और परिपक्व बनते हैं, उत्कृष्ट कर्मचारी और उद्यमी भी बनते हैं. 

मंगल कुंभ राशि में

कुंभ राशि में मंगल का होना एक दिलचस्प स्थिति को दर्शाने वाला होता है. आगे बढ़ते हुए व्यक्ति स्वतंत्र विचारधारा को लेकर चलता है. इनमें कई बार हठ और उच्च भावना भी होती है. किसी भी काम को करने के लिए वह आगे बढ़ते हैं मंगल कुंभ में होकर व्यक्ति को स्वतंत्र और दृढ़ निश्चयी बनाता है. व्यक्ति स्वयं के बारे में तथा दूसरों को लेकर काफी अधिक सोच विचार वाला होता है. जोखिम लेकर आगे बढ़ने की स्थिति भी इनमें होती है. इनके पास मजबूत मानसिक ऊर्जा शक्ति होती है और अपरंपरागत, कल्पनाशील विचारों के साथ एक असामान्य स्थिति भी यहा दिखाई देती है. 

मीन राशि में मंगल

मीन राशि में मंगल का होना शक्ति को कई बार उपकारी तरीके से उपयोग करने वाला बनाता है. भावनात्मक एवं उदार व्यकित्व देने में सहायक होता है. मंगल के मीन में होने पर व्यक्ति अधिक दयालु बनाता है और ये लोग दूसरों के सहयोग के लिए अपनी बहुत सारी ऊर्जा भी मदद करने उपयोग करते हैं. अपनी शक्ति को दूसरों की सहायता के साथ योगदान देने में लगाते हैं.  मंगल का मीन में होना कुछ असंगठित भी बना सकता है, ये लोग जो महसूस करते हैं उसके प्रवाह के साथ जाना पसंद करते हैं. इनके पास बहुत सारी कलात्मक, रचनात्मक प्रतिभा है, जो कला और संगीत जैसी चीजों से इन्हें जोड़ने का काम करती है. एक स्वप्निल, नरम दृष्टिकोण इनके स्वभाव का अंग हो सकता है.