durgashtami1 चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन भवानी व्रत करने का विधि विधान है. वर्ष 2023 में यह व्रत 22 मार्च से 30 मार्च तक रहेंगे. इस दिन मां भवानी प्रकट हुई थी. इस दिन विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा के लिये व्रत किया जाता है.

arti2 जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी ।।जय अम्बे गौरी...
मांग सिन्दूर विराजत टीको मृ्ग मद को । उच्चवल से दोऊ नैना चन्द्र बदन नीको। जय अम्बे गौरी...

durga_pujan2 मां दुर्गा का आठंवा रुप महागौरी के नाम से जाना जाता है. अष्टमी के दिन महागौरी की पूजा का विधान है. माता महागौरी की उपासना करने से भक्तों का कल्याण होता है. उनके सभी कलेश धूल जाते है. माता की शक्ति को अमोघ फल देने वाली कहा गया है. हम सभी दूर्गा पूजा तो करते है

durga_puja_bengal2 "सर्वमंगल मंग्ल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते.." इस मंत्र के साथ दुर्गा पूजा प्रारम्भ होती है. दुर्गा पूजा का पर्व श्रद्वा व विश्वास का पर्व है. आश्चिन मास के शुक्ल पक्ष के साथ ही दुर्गा अष्टमी की धूमधाम शुरु हो जाती है.

navadurga2 ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने देवी शक्ति के प्रताप की व्याख्या इस प्रकार की है- मृदा बिना कुलालश्च कतुं यथाक्षम:।
स्वर्ण बिना स्वर्णकार: कुण्डलं कर्तुमक्षम:।
शक्त्या बिना तथाहं च स्वसृ्ष्टि कर्तुमक्षम:।।

navadurga_story2 एक बार जब पूरा संसार प्रलय से ग्रस्त हो गया था. चारों ओर पानी ही पानी दिखाई देता था. उस समय भगवान विष्णु की नाभि से एक कमल उत्पन्न हुआ. उस कमल से ब्रह्मा जी निकलें, इसके अलावा भगवान नारायण के कानों में से कुछ मैल भी निकला,