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Diwali Puja 2010 - 05 नवम्बर दीपावली पूजन मुहूर्त

लक्ष्मी जी का स्थायी निवास अपने यहां बनाये रखने के लिये दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के लिये दिन के सबसे शुभ मुहूर्त समय को लिया जाता है. वर्ष 2010 में दीपावली का पर्व शुक्रवार, 05 नवम्बर 2010 की अमावस्या, चित्रा व स्वाति नक्षत्र, प्रीती योग मे मनाया जायेगा. दीपावली मे अमावस्या तिथि, प्रदोष काल, शुभ लग्न व चौघा़डिया मुहूर्त विशेष महत्व रखते है.

प्रदोष काल 2 घण्टे व 24 मिनट का होता है. इसे अपने शहर के सूर्यास्त अवधि से लेकर अगले 2 घण्टे 24 मिनट की अवधि का माना जाता है. प्रदोष काल के निर्धारण का आधार सूर्योस्त होने के कारण यह अलग- अलग शहरों के लिये बदलता रहता है.

प्रदोष काल मुहूर्त समय - Pradosh Kal on Diwali 2010

दीपावली प्रदोष काल मुहूर्त अपने नगर के सूर्यास्त समय से 2 घन्टे 24 मिनट तक का समय शुभ मुहूर्त समय के लिये प्रयोग किया जाता है. इसे प्रदोष काल समय कहा जाता है. दिल्ली (भारत) में 5 नवम्बर 2010 में प्रदोष काल सायं सूर्यास्त 05 बजे 58 मिनट अर्थात (17:58) से आरम्भ होकर रात के 08 बजकर 22 मिनट तक रहेगा अर्थात (20:22)

दीपावली 2010 दिल्ली प्रदोष काल 17:58 से लेकर 20:22 तक रहेगा.

05 नवम्बर 2010 में प्रदोष काल में स्थिर लग्न (वृषभ राशि) रात्रि 18.03 से 19:58 बजे तक रहेगा इसलिये रात 18.03 बजे से रात 20.22 तक का प्रदोष काल विशेष रूप से श्री गणेश, श्री महालक्ष्मी पूजन, कुबेर पूजन, व्यापारिक खातों का पूजन, दीपदान, अपने सेवकों को वस्तुएं देने के लिए शुभ रहेगा.

इस मुहूर्त समय में मिठाईयां, वस्त्र व उपहार आदि बांटना भी शुभ रहता है. इसके अतिरिक्त अपने मित्रों व परिवार के बडे सदस्यों को उपहार देकर आशीर्वाद लेना व्यक्ति के जीवन की शुभता में वृद्धि करेगा. मुहूर्त समय में धर्मस्थलो पर दानादि करना कल्याणकारी होगा.

निशीथ काल Nisheeth Kal on Diwali 2010

दीपावली में श्री महालक्ष्मी पूजन, नवग्रह पूजन, स्तोत्र, मंत्र सिद्धि, जपानुष्ठान तथा ब्रह्मणो को वस्त्र, फल, अनाज धन आदि दान करने के लिये निशीथ काल शुभ होता है। 05 नवम्बर 2010 को दिल्ली तथा दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों के लिये निशीथ काल रात्रि 20.23 मिनट से प्रारम्भ होकर रात्रि 22.46 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में रात 20.23 to 19:58 तक वृष लग्न प्रशस्त होगा.

महानिशीथ काल Maha Nisheeth Kal on Diwali 2010

महानिशीथ काल कर्क लग्न में विशेष शुभ रहता है. दीपावली की रात्रि में (कर्क लग्न युक्‍त): 23.29 से 01.51 दिल्ली महानिशीथ काल के लिये सर्वथा शुभ रहेगा. दीपावली पूजन महानिशीथकाल में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

इस मुहूर्त काल में दीपावली पूजन शास्त्रों के अनुसार करना अनिवार्य है. महानिशीथकाल में मुख्यतः तांत्रिक कार्य, ज्योतिषविद, वेद आरम्भ, कर्मकाण्ड, अघोरी,यंत्र-मंत्र-तंत्र कार्य व विभिन्न शक्तियों का पूजन करते हैं एवं शक्तियों का आवाहन करना शुभ रहता है.

इस अवधि में दीपावली पूजन के पश्चात गृह में एक चौमुख दीपक रात भर जलता रहना चाहिए. यह दीपक लक्ष्मी एवं सौभाग्य में वृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली चौघडियां मुहूर्त - Chogadhia Muhurat on Diwali 2010

दीपावली चौघ़डिया मुहूर्त (Deepavali Chaugadhia Muhurat) समय को घर व परिवार में लक्ष्मी पूजन करने के लिये शुभ माना जाता है. श्रीमहालक्ष्मी पूजन एवं दीपावली का महापर्व कार्तिक कृष्ण अमावस्या में प्रदोष काल एवं रात्रि समय में स्थिर लग्न समय में करना शुभ होता है लक्ष्मी पूजन, दीप प्रजवल्लित करने के लिये प्रदोषकाल मुहूर्त समय ही विशेषतया शुभ माना गया है.

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त Lakshmi Puja Muhurat on Diwali 2010


  • शुक्रवार 05, नवम्बर 2010

  • दीपावाली के दिन सुबह 6:47 से 10:59 तक

  • व मध्य दिन में 12:23 से 01:47 तक

  • इसके अतिरिक्त :- सायं काल में चर मुहूर्त 16:35 से 17:59 तक

  • लाभ मुहूर्त 21:11 से 22:47 तक

  • अमृ्त मुहुर्त 24:23 से 05:11 तक रहेगा. ( 06 नवम्बर 2010)

Article Categories: Festivals Muhurat
Article Tags: diwali Puja Muhurat