कृष्णमूर्ति पद्धति और शुक्र ग्रह की विशेषताएं - Qualities of Venus as per KP Astrology

कृष्णमूर्ति पद्धति से फलादेश करने से पहले आपको सभी ग्रहों की विशेषताओं और गुणों को समझना चाहिए. ग्रहों के गुणों को जाने बिना फल कथन करना कठिन होता है. उदाहरण के तौर पर कुण्डली में शुक्र के फल (Results of Venus) को जानने के लिए उनके गुणों को समझना होगा क्योंकि, सभी ग्रह अपने गुण के अनुसार फल देते हैं. तो, आइये जाने कृष्णमूर्ति पद्धति के आधार पर शुक्र के विषय में.

शुक्र ग्रह को सौन्दर्य का कारक ग्रह कहा गया है. सिनेमा, माडलिंग तथा विलासिता  सम्बन्धी वस्तुओं का यह स्वामी माना जाता है. ब्यूटी पार्लर एवं कौस्मैटिक इंडस्ट्री सहित जहां भी श्रृंगार और साज-सज्जा की बात आती है होती हैं वहां शुक्र का प्रभाव बना रहता है. ग्रहों में शुक्र को प्रेमिका के रुप में देखा जाता है इसलिये, प्रेम-प्रसंगों में शुक्र की भूमिका विशेष रुप से महत्वपूर्ण मानी जाती है. शुक्र से प्रभावित व्यक्ति दयालु एवं कोमल मन के होते हैं. इन्हें पाकशास्त्र का अच्छा ज्ञान भी होता है.

शुक्र की विशेषताएं: (Specialities of Venus as per KP Systems)

शनि देव जहां व्यक्ति को साधारण जीवन जीने के लिये प्रेरित करते है वही, शुक्र इसके विपरीत व्यक्ति को भोग-विलास में रमने की प्रवृति देते है. शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति अपनी सुख-सुविधाओं पर अधिक ध्यान देता है. वह आराम पसन्द होता है. सौन्दर्य में वृद्धि करने वाली वस्तुओं का अधिक से अधिक प्रयोग करता है. उच्च स्तरीय जीवन की चाहत रहती है.

शुक्र की विशेषताओं में आकर्षण, आसक्ति और वासना को मुख्य समझा जाता है. शुक्र को विवाह के कारक ग्रह के रुप में देखा जाता है. इसलिये इसका संबन्ध विवाह के सुख से होता है. वैवाहिक जीवन में सुख को बनाये रखने के लिये शुक्र का शुभ होना काफी महत्व रखता है. भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति के लिए भी शुक्र को ही देखा जाता है. वाहन व सजावटी वस्तुओं का सम्बन्ध भी शुक्र से होता है.

शुक्र से प्रभावित अन्य क्षेत्र (Other Fields Related to Venus as per KP Systems)

रंग, चित्र, मंहगें कांच, पर्दे भी शुक्र प्रभावित क्षेत्र हैं. मनोंरजन के सभी साधन सहित टी.वी., फ्रिज, एयरकंडीशनर, सजावटी उपकरणों पर शुक्र का स्वामित्व है. पर्यटन एवं आनन्द के लिए आप जो भी यात्राएं करते हैं वह भी शुक्र के प्रभाव से संभव होता है. सुगंन्धित वस्तुएं जैसे इत्र, फूल आदि भी शुक्र की वस्तु कही जाती है. मीठी वस्तुएं भी शुक्र की वस्तु होती हैं.

शुक्र के गुण: (Qualities of Venus as per KP Systems)

कलात्मक सोच, वस्तुओं को एक नये ढंग से प्रस्तुत करने की कला शुक्र से प्राप्त होता है. हर प्रकार की कला शुक्र ग्रह की देन है. समाज सेविका एवं नर्स के रूप में सेवा की भावना भी शुक्र देता है. होटल एवं अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रिशेप्सनिष्ट का काम करने वालों को स्वागत-सत्कार का गुण शुक्र की कृपा से मिलती है.

शुक्र के फलस्वरुप होने वाली बीमारियां: (Disease Occur by Venus as per KP Systems)

आंखों की रोशनी के लिये शुक्र को देखा जाता है. कुण्डली में शुक्र पर किसी प्रकार का अशुभ प्रभाव होने पर नेत्र दोष होने की आशंका रहती है. शुक्र व शनि का संबन्ध बनने पर व्यक्ति को शराब पीने की लत लगती है. शुक्र तम्बाकू, सिगरेट, सिगार का भी शौक पैदा करता है जिससे स्वास्थय में कमी आती है. पीड़ित शुक्र होने पर सौन्दर्य में कमी आती है.

शुक्र के कार्यक्षेत्रों में: (Working Areas of Venus as per KP Systems)

शुक्र कला, संगीत तथा सौन्दर्य के कारक ग्रह हैं. चित्रकार, कलाकार, अभिनेता, संगीतकार, गीतकार, गायक, नर्तक, फोटोग्राफी, कला के वभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग शुक्र के कार्य क्षेत्र में होते हैं. शुक्र के कार्यक्षेत्र में मेकअप आर्टिस्ट, डेकोरेटर, पेंटर होते हैं. कौस्मैटिक इंडस्ट्री से जुड़े कार्य भी शुक्र के कार्यक्षेत्र माने जाते हैं. मादक पदार्थ, वाहन के क्रय-विक्रय के कार्य, साज-सज्जा की वस्तुओं का निर्माण, चूड़ी निर्माण में उन्नति भी शुक्र के प्रभाव से प्राप्त होता है.

शुक्र के व्यवसायिक क्षेत्र (Business Related to Venus as per KP Systems)

सजावट की वस्तुओं (decorative products oif Venus) का निर्माण करने वाले व्यक्ति जिसमें फूलों की सजावट से लेकर इंटीरियर डिजाईनिंग करने वाले व्यक्ति भी शुक्र के व्यवसायिक क्षेत्र में माने जाते हैं. रेशमी वस्त्रों का निर्माण, कांच की सजावटी वस्तुएं, कांच की सामग्री, फूल व फूलों से बनी सभी सामग्री शुक्र के कार्यक्षेत्र की सीमा में आते है. आडीयो, विडीयो कसेट एवं सी.डी भी शुक्र के व्यवसायिक क्षेत्र होते हैं.

शुक्र के स्थानों में (Place of Venus as per KP Systems)

नृत्य व संगीत स्थल, क्लब, फिल्म, नाटक, विवाह स्थल शुक्र के स्थान होते हैं. फूलों की नर्सरी, बगीचे, खुशबू वाली चीजें, पार्किंग, बेडरुम, पलंग, पेंटिग्स आदि शुक्र के स्थान होते हैं.

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