कृष्णमूर्ति पद्धति के अनुसार चन्द्रमा (Qualities of Moon as per KP System)

सभी ग्रहों में सूर्य को राजा कहा गया है तथा चन्द्र (Moon) को रानी. चन्द्र को स्नेह व कोमलता का प्रतीक माना जाता है. चन्द्र का स्थान व कुण्डली में माता का स्थान एक ही है क्योकि, दोनों प्रेम व सुख के कारक है. पानी तथा सभी तरल वस्तुओं का स्वामी चन्द्र माना जाता है. यही कारण है कि शरीर में खून का संचालन, पाचक रस आदि वस्तुएं चन्द्र के प्रभाव में रहती हैं. मन व मानसिक स्थिति का कारक भी चन्द्र को ही माना जाता है. शरीर में बाईं आँख (left eye) का अधिकारी भी चन्द्रमा होता है.

चन्द्र के गुण (Qualities of Moon as per Krishnamurthy System)

चन्द्र के सामान्य गुणों में शीतलता, ठंडक, पानी से लगाव, भाप, गति में परिवर्तन आता है. इस राशि के व्यक्तियों को घूमना काफी पसन्द होता है. सोलह कलाओं से युक्त होने के कारण चन्द्र का प्रभाव सौन्दर्य व कला के क्षेत्रों पर भी होता है. संगीत एवं नृत्य (dance and music) में चन्द्र रूचि जागृत करता है. चन्द्र का शुभ प्रभाव व्यक्ति पर होने से व्यक्ति कोमल स्वभाव का होता है. घर, धरती, मातृभूमि के विषय में भी चन्द्र की स्थिति से विचार किया जाता है.

चन्द्र से होने वाली बीमारियां (Disease Occur by Moon as per KP System)

चन्द्र के प्रभाव से मनासिक चिंताएं (tensions) तथा मन के रोग, चिड़चिड़ापन, पाचन तन्त्र संबन्धी परेशानियां, खांसी, जुकाम, कफ से संबन्धित रोग होने की संभावना रहती हैं.

चन्द्र के कार्यक्षेत्र (Business Related to Moon as per KP System)

जब कुण्डली में चन्द्र का संबन्ध दशम घर या आजीविका स्थान से होता है तब सिंचाई संबन्धी कार्यो में रुचि होने की संभावना रहती है. चन्द्र के अधिकार में जल विभाग, मछली व्यवसाय, नौसेना, सागर से प्राप्त होने वाली सभी वस्तुओं का विक्रय सम्बन्धी कार्य, भूमि से निकलने वाले तरल पदार्थ जैसेकैरोसिन (Kerosene), पेट्रोल इत्यादि. चन्द्र से ही फूल, नर्सरी साथ ही रसों से संबन्धित कार्यों में लाभ-हानि का विचार किया जाता है. स्नेह व सेवा भाव से किये जाने वाले कार्यो पर भी चन्द्र का प्रभाव होता है इसलिये समाज सेविकाएं व नर्स के कार्य को भी चन्द्र से देखा जाता है.

कृष्णमूर्ति पद्धति से चन्द्र के उत्पाद (Products of Moon As Per Krishnamurthy System)

रसदार फल, गन्ना, शक्कर, केसर, मकई आदि चन्द्र से प्रभावित फसल माने जाते हैं. चांदी (Silver), सिल्वर प्लेटेड चीजें, मोती, कपूर (camphor) भी चन्द्र की वस्तु हैं. मछली उद्योग भी चन्द्र से सम्बन्धित कार्य है. चन्द्र का संबन्ध आजीविका स्थान से होने पर इन चीजों से सम्बन्धित क्षेत्र में कार्य करना लाभप्रद होता है.

चन्द्र के स्थान (Place of Moon as per KP System)

चन्द्र के स्थानों में सभी हिल स्टेशन, पानी के स्रोत, टंकियां, कुएँ (well), हरे पेडों से सजे जंगल (forest), दूध से जुड़ा व्यापार, गाय, डेयरी, फ्रिज, पीने का पानी रखने का स्थान तथा पानी के नल पर चन्द्र का अधिकार है. चन्द्र के स्थानों में रसोईघर भी आता है क्योकि, रसोईघर में भी जल पाया जाता है. कुण्डली के चतुर्थ भाव का अधिकारी चन्द्र होता है.

चन्द्र से सम्बन्धित जीव-जन्तु (Animals of Moon as per KP System)

छोटे पालतू जानवर, कुत्ता, बिल्ली, सफेद चूहे, बतख, कछुआ, मछली इन सभी को चन्द्र से सम्बन्धित जीव-जन्तु माना जाता है.

चन्द्र से सम्बन्धित वनस्पति (Plants Related to Moon as per KP System)

गन्ना, फूल गोभी, ककड़ी, खीरा, तरबूज, जल सिंघारा, मखाना एवं जल में पाये जाने वाले पौधों पर चन्द्रमा का अधिकार होता है.

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