मध्यमा अंगुली के पर्व | Phalanges in Middle Finger

हस्तरेखा विज्ञान में हाथ में निहित सभी चिन्हों व रेखाओं का महत्व होता है. हर कोई अपनी एक अलग कहानी लेकर मौजूद है. अंगुली का हर पहलू महत्व रखता है और हर किसी का अलग अर्थ है. सामान्यत: अंगुली तीन मुख्य भागों में बंटी होती है. यह भाग पर्व या पोर कहलाते हैं. आज हम मध्यमा अंगुली के पोरो की बात करेगें. हर पोर की अपनी अलग विशेषता मानी जाती है.

मध्यमा अंगुली का प्रथम पोर | First Phalange in Middle Finger

मध्यमा अंगुली को शनि की अंगुली भी कहा जाता है क्योकि इसके मूल में शनि पर्वत स्थित होता है. इस अंगुली का पहला पर्व बड़ा होने पर व्यक्ति दार्शनिक प्रवृति का होता है और उसे दर्शनशास्त्र में रुचि होती है.

इस अंगुली का पहला पोर बड़ा होने पर व्यक्ति स्वयं को हानि पहुंचाने वाला होता है और उसकी सोच नकारात्मक होना आरंभ हो जाती है यदि हथेली में अन्य नकारात्मक पहलू भी मौजूद हैं.

यदि पहला पोर छोटा हो तब ऎसे व्यक्ति में सोच विचार की शक्ति कम हो जाती है, व्यक्ति ज्यादा गहराई से किसी बात की तह तक पहुंचने में नाकाबयाब रहता है.

मध्यमा अंगुली का दूसरा पर्व | Second Phalange in Middle Finger

अब हम मध्यमा अंगुली के दूसरे पर्व की ओर बढ़ते हैं. दूसरा पर्व यदि बाकी दो से बड़ा है तब धन्-संपत्ति के विषय में ज्यादा सोचता है. व्यक्ति की सोच का दायरा हर ओर से आकर धन पर ही रुक जाता है और सोच - विचार का क्षेत्र धनार्जित तक ही सीमित हो जाता है.

दूसरा पर्व बड़ा होने पर व्यक्ति पुरानी वस्तुओ का व्यापारी हो सकता है. ऎसे व्यक्ति के मन में धन पाने की लालसा हर समय कुछ ज्यादा ही रहती है. दूसरा पर्व बड़ा होने पर व्यक्ति सफल व्यापारी होता है.

मध्यमा अंगुली का तीसरा पर्व | Third Phalange in Middle Finger

आइए अब हम मध्यमा अंगुली के तीसरे पर्व के बारे में जानने का प्रयास करते हैं. मध्यमा अंगुली का तीसरा पर्व बड़ा होने पर व्यक्ति रुढ़ियों को चाहने वाला और उनका सम्मान करने वाला होता है.

ऎसा व्यक्ति अपने पुराने रीति-रिवाजों को अहमियत देता है और उन्हें प्यार करता है. लेकिन ऎसा व्यक्ति धन का व्यय बहुत ही सोचकर करता है.आवश्यकता पड़ने पर स्वयं पर भी धन खर्च करने में कंजूसी करता है और कई बार कंजूसी के कारण स्वयं को जोखिम में भी डाल लेते हैं. कई बार इसी कंजूसी के कारण मान सम्मान अथवा अपनो की जान भी खतरे में डाल देते हैं. इस अंगुली के तीसरे पर्व पर आड़ी रेखा या क्रॉस बना हो तो व्यक्ति धूर्त प्रवृति का होता है.

मध्यमा अंगुली की अन्य विशेषताएँ | Other Characteristics of Middle Finger

अंत में हम मध्यमा अंगुली की कुछ अन्य विशेषताओ के बारे में बात करते हैं. यदि मध्यमा का ऊपरी सिरा चौकोर हो तो व्यक्ति कानून संबंधी दाँव पेंच की समझ रखता है. यदि इस अंगुली का ऊपरी सिरा गोल है तब ऎसा व्यक्ति वित्त, व्यापार तथा गणित में तेज होता है.

मूसलाकार मध्यमा अंगुली वाले जातक में गंभीरता की कमी होती है. यदि मध्यमा का सिरा नुकीला है तब ऎसा व्यक्ति गुप्त विद्याओ में रुचि रखता है. ऎसे व्यक्ति को परालौकिक शक्तियों पर पूर्ण विश्वास होता है. यदि मध्यमा अंगुली अन्य अंगुलियों से छोटी है तब व्यक्ति हताश रहता है.